पोषक तत्व (Nutrients) Topic For ssc rrb Exam पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM पोषक तत्व क्या हैं? पोषक तत्व वे रासायनिक पदार्थ हैं जो भोजन में पाए जाते हैं और शरीर की वृद्धि, विकास, ऊर्जा उत्पादन और रखरखाव के लिए आवश्यक होते हैं। ये शरीर के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोषक तत्वों का वर्गीकरण पोषक तत्वों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: 1. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) - वृहत पोषक तत्व ये बड़ी मात्रा में आवश्यक होते हैं: (A) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) परिभाषा: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक यौगिक जो शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। रासायनिक सूत्र: (CH₂O)n या Cx(H₂O)y प्रकार: सरल शर्करा (Simple Sugars): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज जटिल कार्बोहाइड्रेट: स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन मुख्य स्रोत: चावल, गेहूं, आलू, मक्का, फल, शहद कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी) ...
- इतिहास और वंशानुक्रम
- प्रशासन, अर्थव्यवस्था और समाज
- कला, स्थापत्य और प्रभाव
🟢 1. दिल्ली सल्तनत का इतिहास और वंशानुक्रम
⏳ स्थापना (1206 ई.)
- 1191 ई. - तराइन की प्रथम लड़ाई
- 1192 ई. – तराइन की दूसरी लड़ाई: मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराया।
- मोहम्मद गोरी की मृत्यु (1206 ई.) के बाद उसका गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक दिल्ली का शासक बना।
- यही से दिल्ली सल्तनत की शुरुआत हुई।
🔵 गुलाम वंश (Slave/Mamluk Dynasty) – 1206–1290 ई.
👉 इसे ममलूक वंश भी कहते हैं (Mamluk = दास)।
मुख्य शासक और कार्य:
- कुतुबुद्दीन ऐबक (1206–1210)
- अपनी राजधानी लाहौर बनाई ।
- "लाख बख्श" (दानवीर) कहा गया।
- कुतुबमीनार का निर्माण प्रारंभ।
- कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनवाई।
- अड़ाई दिन का झोपड़ा बनवाया
- प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय को ध्वस्त करने वाला एवं का सहायक सेनानायक बख्तियार खिलजी था।
- इसकी मृत्यु 1210 इसी में चौहान खेलते समय घोड़े से गिरकर हो गई इस लाहौर में दफनाया गया।
- इल्तुतमिश (1211–1236)
- वास्तविक संस्थापक।
- राजधानी लाहौर से दिल्ली लाई।
- सिक्के – टंका (चाँदी) और जीटल (ताँबा)।
- "चालीस गुलामों की सभा" (Turkan-i-Chahalgani)।
- रणथंभौर, ग्वालियर, बंगाल पर अधिकार।
- रजिया सुल्तान (1236–1240)
- दिल्ली की प्रथम महिला शासक।
- पुरुष पोशाक पहनकर युद्ध करती थी।
- ग़ियासुद्दीन बलबन (1266–1287)
- मंगोल के आक्रमण से दिल्ली की रक्षा की
- कठोर शासक, "जिल्ले-इलाही" (ईश्वर की छाया)।
- फारसी रीति रिवाज पर आधारित नवरोज (फारसी साल का पहला दिन) उत्सव को प्रारंभ करवाया
- सिजदा और पैबोस प्रथा लागू।
- कठोर लोग एवं रक्त की नीति का पालन किया ।
- दरबार में अनुशासन, दंड व्यवस्था सख्त।
🔵 खिलजी वंश (Khilji Dynasty) – 1290–1320 ई.
- जलालुद्दीन फिरोज खिलजी – संस्थापक।
- अलाउद्दीन खिलजी (1296–1316) – सबसे महान शासक। अलाउद्दीन खिलजी की आर्थिक नीति की व्यापक जानकारी
- जियाउद्दीन बरनी की कृति तारीख ए फिरोज़ शाही से मिलती है
महत्वपूर्ण कार्य:
- घोड़ा दागने एवं सैनिकों का हुलिया लिखने की प्रथम शुरुआत की ।
- मंगोल के 1297 से 1306 के 6 आक्रमणों को विफल किया।
- मलिक काफूर के नेतृत्व में दक्षिण भारत अभियान → देवगिरी, वारंगल, होयसला, मदुरै तक विजय।
- बाजार नियंत्रण व्यवस्था –
- अनाज, कपड़ा, घोड़े, दास, और सैन्य सामग्री की कीमतें तय।
- अधिकारियों की नियुक्ति "शहना-ए-मंडी"।
- सेना का वेतन नकद (नकली घोड़े रोकने हेतु)।
- किला: अलई दरवाजा , सीरी का किला, हजार खंभा महल, जमायत खाना मस्जिद
🔵 तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty) – 1320–1414 ई.
- ग़ियासुद्दीन तुगलक ( गाजी मलिक या तुगलक गजी ) – संस्थापक।
- नहरों का निर्माण करने वाला गयासुद्दीन पहला शासक था
- दिल्ली के पास तुगलकाबाद नामक नगर की स्थापना
प्रमुख शासक:
- मुहम्मद बिन तुगलक (1325–1351)
- अन्य नाम उलूग खां या जूना ख़ां
- इतिहास में सबसे विवादित शासक।
- राजधानी परिवर्तन: दिल्ली → दौलताबाद (असफल)।
- टोकन मुद्रा प्रयोग (ताँबा–पीतल): असफल, नकली सिक्कों की बाढ़।
- दोहरे कर (Doab क्षेत्र में) → किसान विद्रोह।
- परंतु, उसकी सोच वैज्ञानिक थी (जैसे सिंचाई, खगोल विज्ञान)।
- अफ्रीकी मोरक्को यात्री इब्न बतूता लगभग 1333 ईस्वी में भारत आया , पुस्तक रेहला में मुहम्मद तोगलग के समय की घटनाओं का वर्णन किया ।
- इसके समय में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 में स्वतंत्र भारत राज्य विजयनगर की स्थापना करी और
- अलाउद्दीन मेहमान शाह ने 1347 इसी में स्वतंत्र बहमनी राज्य की स्थापना की।
फ़िरोज शाह तुगलक (1351–1388)
- जजिया कर लागू करने वाला पहला मुसलमान शासक ।
- हिसार , फिरोजाबाद, फतेहाबाद, जौनपुर , फिरोजपुर नगर की स्थापना ।
- नहरें, बाग-बगीचे, विद्यालय, मदरसे खोले।
- अशोक स्तंभ (मेरठ और टोपरा से) दिल्ली लाया।
- फ़िरोजशाह कोटला बनवाया।
- जियाउद्दीन बरनी को संरक्षण प्रदान किया ।
- इस वंश के समय तैमूर का आक्रमण (1398 ई.) हुआ।
🔵 सैय्यद वंश (Sayyid Dynasty) – 1414–1451 ई.
- संस्थापक: खिज्र खाँ (तैमूर का प्रतिनिधि)।
- इसने रैयत ए आला की उपाधि धारण करें
- यह वंश केवल नाममात्र का शासक रहा।
🔵 लोदी वंश (Lodi Dynasty) – 1451–1526 ई.
👉 यह अफगान वंश था।
मुख्य शासक:
- बहलोल लोदी (1451–1489) – पंजाब और जौनपुर जीता।
- सिकंदर लोदी (1489–1517)
- आगरा नगर की स्थापना व राजधानी बनाया
- कृषि सुधार, भूमि माप प्रणाली।
- कवि गयासुद्दीन (मिर्जा खान) का संरक्षण।
- इब्राहीम लोदी (1517–1526)
- अंतिम शासक।
- 1526 ई. – पानीपत की प्रथम लड़ाई → बाबर से पराजित → मुग़ल साम्राज्य की स्थापना।
2. प्रशासन, अर्थव्यवस्था और समाज
📌 प्रशासनिक व्यवस्था
- सुल्तान सर्वोच्च था, परंतु शरीअत (इस्लामी कानून) और उलेमा का प्रभाव।
- इकतादारी प्रथा – भूमि का बँटवारा अधिकारियों को, जो कर वसूल कर सेना रखते।
- महत्वपूर्ण पद:
- वज़ीर (वित्त मंत्री)
- अमीर-ए-आक़ा (सेनापति)
- सदर-ए-सदूर (धर्म और न्याय प्रमुख)
📌 अर्थव्यवस्था
- मुख्य आय का स्रोत: भूमि कर (ख़राज)।
- इल्तुतमिश और अलाउद्दीन ने कर वसूली पर कड़ा नियंत्रण।
- व्यापार: घोड़े, कपड़े, मसाले, दास।
- अलाउद्दीन की बाजार प्रणाली ने महँगाई रोक दी।
📌 समाज
- मुस्लिम (तुर्क, अफगान) शासक वर्ग और हिंदू जनसंख्या के बीच अंतर।
- हिंदुओं से जज़िया कर वसूला जाता।
- लेकिन कई शासक (विशेषकर सिकंदर लोदी, फ़िरोज तुगलक) ने स्थानीय रीति-रिवाज अपनाए।
🟢 3. कला, स्थापत्य और संस्कृति
स्थापत्य
- गुलाम वंश: कुतुब मीनार, कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद।
- खिलजी वंश: अलई दरवाजा, सीरी किला।
- तुगलक वंश: तुगलकाबाद किला, फ़िरोजशाह कोटला।
- लोदी वंश: मकबरे और बाग (लोदी गार्डन, सिकंदर लोदी का मकबरा)।
संस्कृति
- फ़ारसी भाषा प्रशासन की भाषा बनी।
- साहित्य में अमीर खुसरो (खिलजी और तुगलक काल) → खड़ीबोली का विकास।
- संगीत और कविता को संरक्षण।
- नई स्थापत्य शैली: इंडो-इस्लामिक आर्किटेक्चर।
निष्कर्ष
दिल्ली सल्तनत ने भारत में:
- मध्यकालीन प्रशासन,
- नयी आर्थिक नीतियाँ,
- इंडो-इस्लामिक कला व स्थापत्य,
- तथा फारसी भाषा और साहित्य की नींव डाली।
1526 ई. के बाद यह परंपरा मुग़लों ने आगे बढ़ाई।
जो भी HIGHLIGHTS करे गए है , वो प्रश्न किसी न किसी पेपर में आ चुके है ।
यहां लिखने और बताने के लिए इतिहास पड़ा हुआ है ,
इतना पर्याप्त है , अगर आपको लगता है कोई IMPORTANT टॉपिक छूट गया है , COMMENT करें।
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