पोषक तत्व (Nutrients) Topic For ssc rrb Exam पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM पोषक तत्व क्या हैं? पोषक तत्व वे रासायनिक पदार्थ हैं जो भोजन में पाए जाते हैं और शरीर की वृद्धि, विकास, ऊर्जा उत्पादन और रखरखाव के लिए आवश्यक होते हैं। ये शरीर के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोषक तत्वों का वर्गीकरण पोषक तत्वों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: 1. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) - वृहत पोषक तत्व ये बड़ी मात्रा में आवश्यक होते हैं: (A) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) परिभाषा: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक यौगिक जो शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। रासायनिक सूत्र: (CH₂O)n या Cx(H₂O)y प्रकार: सरल शर्करा (Simple Sugars): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज जटिल कार्बोहाइड्रेट: स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन मुख्य स्रोत: चावल, गेहूं, आलू, मक्का, फल, शहद कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी) ...
मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकार भाग-III (अनुच्छेद 12 से 35) में दिए गए हैं।इनका उद्देश्य नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता और गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार प्रदान करना है।
अनुच्छेद 12 – राज्य की परिभाषा – केंद्र, राज्य सरकारें, संसद, विधानमंडल, स्थानीय प्राधिकरण और अन्य सरकारी नियंत्रण वाले निकाय।
अनुच्छेद 13 – मौलिक अधिकारों का संरक्षण – मौलिक अधिकारों के विपरीत कोई कानून अमान्य होगा; न्यायिक पुनरावलोकन की शक्ति निहित।
1. समानता का अधिकार (Right to Equality) – अनुच्छेद 14 से 18
- अनु. 14 – विधि के समक्ष समानता एवं कानून का समान संरक्षण।
- अनु. 15 – धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव का निषेध।
- अनु. 16 – सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता।
- अनु. 17 – अस्पृश्यता का अंत।
- अनु. 18 – उपाधियों का अंत (केवल शैक्षणिक एवं सैन्य उपाधियां मान्य)।
2. स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom) – अनुच्छेद 19 से 22
- अनु. 19(1) – छह स्वतंत्रताएं:
- वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता।
- शांतिपूर्ण एवं निरस्त्र सभा करने की स्वतंत्रता।
- संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्रता।
- भारत में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता।
- भारत में कहीं भी बसने की स्वतंत्रता।
- कोई भी पेशा अपनाने या व्यापार करने की स्वतंत्रता।
- अनु. 20 – अपराधों के लिए संरक्षण (दोहरे दंड का निषेध, पूर्वव्यापी दंड का निषेध, आत्मदोष स्वीकार न करने का अधिकार)।
- अनु. 21 – जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार।
- अनु. 21A – 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा।
- अनु. 22 – गिरफ्तारी एवं निरोध के मामले में अधिकार।
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against Exploitation) – अनुच्छेद 23 और 24
- अनु. 23 – मानव तस्करी, जबरन श्रम एवं बंधुआ मजदूरी का निषेध।
- अनु. 24 – 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम पर रोक।
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Religion) – अनुच्छेद 25 से 28
- अनु. 25 – धर्म मानने, पालन करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता।
- अनु. 26 – धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता।
- अनु. 27 – किसी धर्म के प्रचार हेतु कर देने से छूट।
- अनु. 28 – धार्मिक शिक्षा से संबंधित प्रावधान।
5. सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार (Cultural and Educational Rights) – अनुच्छेद 29 और 30
- अनु. 29 – अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति की रक्षा।
- अनु. 30 – अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित और संचालित करने का अधिकार।
हाँ, संपत्ति का अधिकार पहले मौलिक अधिकार था, लेकिन अब नहीं है।
संपत्ति का अधिकार – अनुच्छेद 31 (अब हटाया गया)
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पहले स्थिति:
- संपत्ति का अधिकार भाग-III में अनुच्छेद 31 के तहत मौलिक अधिकार था।
- राज्य केवल सार्वजनिक उद्देश्य के लिए और उचित मुआवज़ा देकर ही संपत्ति ले सकता था।
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परिवर्तन:
- 44वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा इसे मौलिक अधिकारों से हटा दिया गया।
- अब इसे अनुच्छेद 300A के तहत कानूनी अधिकार (Legal Right) के रूप में रखा गया है।
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वर्तमान स्थिति (अनुच्छेद 300A):
- “किसी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जाएगा, सिवाय विधि द्वारा अधिकृत होने के।”
- मतलब – अब संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं, बल्कि केवल कानूनी अधिकार है।
6. संवैधानिक उपचार का अधिकार (Right to Constitutional Remedies) – अनुच्छेद 32
- यह अधिकार नागरिकों को उच्चतम न्यायालय में सीधे जाने का अधिकार देता है यदि उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो।
- अनु. 32 को "संविधान का हृदय और आत्मा" – डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा।
- रिट्स (Writs) -
- हैबियस कॉर्पस (Habeas Corpus) – अवैध हिरासत से मुक्ति।
- मैंडमस (Mandamus) – किसी सार्वजनिक अधिकारी को कर्तव्य निभाने का आदेश।
- प्रोहिबिशन (Prohibition) – निचली अदालत को कार्यवाही रोकने का आदेश।
- सर्टियोरारी (Certiorari) – निचली अदालत का आदेश निरस्त करना।
- क्वो वारंटो (Quo Warranto) – किसी व्यक्ति के पद की वैधता जांचना।
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