🌍 स्थलाकृति विज्ञान (Geomorphology)
यह भौगोलिक विज्ञान की वह शाखा है जिसमें पृथ्वी की सतह (Earth’s Surface) पर बने विभिन्न स्वरूपों (Landforms) और उन्हें बनाने वाले आंतरिक (Endogenic) एवं बाह्य (Exogenic) बलों का अध्ययन किया जाता है।
🔹 स्थलाकृति विज्ञान के प्रमुख अध्ययन क्षेत्र
- पृथ्वी की आंतरिक संरचना – परतें, ज्वालामुखीय क्रियाएँ, भूकंप।
- अपक्षय और अपरदन की प्रक्रियाएँ – हवा, जल, हिमनद, समुद्र की लहरों का कार्य।
- भूपटल स्वरूपों का विकास – पर्वत, पठार, मैदान, घाटियाँ आदि।
- समय और भूगर्भीय काल (Geological Time Scale) – करोड़ों वर्षों में स्वरूपों का निर्माण।
🏞️ भूपटल स्वरूप (Landforms)
पृथ्वी की सतह पर पाए जाने वाले विभिन्न रूप जिन्हें प्राकृतिक बल बनाते और बिगाड़ते हैं।
1. आंतरिक बलों से बने स्वरूप (Endogenic Landforms)
ये बल पृथ्वी के भीतर से उत्पन्न होते हैं – जैसे ज्वालामुखी, भूकंप, भ्रंश, वलन।
-
पर्वत (Mountains) –
- वलित पर्वत (Fold Mountains) → हिमालय, आल्प्स, एंडीज।
- खंड पर्वत (Block Mountains) → विंध्याचल, सायरा नेवाडा।
- अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountains) → अरावली, नीलगिरी।
-
पठार (Plateaus) –
ऊँचे, समतल क्षेत्र → दक्कन का पठार, तिब्बत पठार। -
भ्रंश घाटी (Rift Valley) → नर्मदा घाटी, अफ्रीकी रिफ्ट वैली।
2. बाह्य बलों से बने स्वरूप (Exogenic Landforms)
ये बल सूर्य की ऊर्जा और गुरुत्वाकर्षण से उत्पन्न होते हैं – हवा, नदियाँ, हिमनद, समुद्री लहरें।
(A) नदी द्वारा बने स्वरूप
- ऊपरी भाग – V-आकार घाटी, जलप्रपात, गर्त।
- मध्य भाग – अपवाह समतल, मेण्डर (घुमावदार नदी)।
- निचला भाग – डेल्टा, बाढ़ मैदान, प्राकृतिक बांध।
(B) हिमनद द्वारा बने स्वरूप
- अपक्षय रूप → U-आकार घाटी, सर्क (Cirque), अरेट (Arete), हॉर्न (Horn)।
- संचयन रूप → मोरेन (Moraine), ड्रमलिन।
(C) हवा (Aeolian) द्वारा बने स्वरूप
- अपक्षय रूप → मशरूम शिला (Mushroom Rock), यार्डैंग।
- संचयन रूप → बालुका टीले (Sand Dunes), लोएस (Loess)।
(D) समुद्री लहरों द्वारा बने स्वरूप
- अपक्षय रूप → समुद्री गुफाएँ, कमान (Arch), स्तंभ (Stack)।
- संचयन रूप → समुद्री तटबंध, लावा डेल्टा।
3. विशेष भूपटल स्वरूप
- ज्वालामुखीय स्वरूप → शंक्वाकार पर्वत, लावा पठार, कैल्डेरा।
- कार्स्ट स्थलाकृति (Karst Landforms) → चूना पत्थर क्षेत्रों में – गुफाएँ, स्तम्भ, स्टैलैक्टाइट व स्टैलेग्माइट।
📌 सारांश (Exam-Oriented Notes)
- स्थलाकृति विज्ञान = पृथ्वी की सतह व स्वरूपों का अध्ययन।
- बल दो प्रकार – आंतरिक (पर्वत, पठार, भ्रंश घाटी) और बाह्य (नदियाँ, हवा, हिमनद, समुद्र)।
- नदी = डेल्टा, बाढ़ मैदान | हवा = बालुका टीले | हिमनद = U-आकार घाटी | समुद्र = गुफाएँ, कमान।
- विशेष स्वरूप → कार्स्ट स्थलाकृति, ज्वालामुखी स्वरूप।
Comments
Post a Comment