पोषक तत्व (Nutrients) Topic For ssc rrb Exam पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM पोषक तत्व क्या हैं? पोषक तत्व वे रासायनिक पदार्थ हैं जो भोजन में पाए जाते हैं और शरीर की वृद्धि, विकास, ऊर्जा उत्पादन और रखरखाव के लिए आवश्यक होते हैं। ये शरीर के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोषक तत्वों का वर्गीकरण पोषक तत्वों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: 1. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) - वृहत पोषक तत्व ये बड़ी मात्रा में आवश्यक होते हैं: (A) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) परिभाषा: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक यौगिक जो शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। रासायनिक सूत्र: (CH₂O)n या Cx(H₂O)y प्रकार: सरल शर्करा (Simple Sugars): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज जटिल कार्बोहाइड्रेट: स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन मुख्य स्रोत: चावल, गेहूं, आलू, मक्का, फल, शहद कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी) ...
हिमालय (Himalayas) – सम्पूर्ण विवरण
1. उत्पत्ति (Origin of Himalayas)
- लगभग 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व (Cenozoic युग) में भारतीय प्लेट उत्तर की ओर बढ़ते हुए यूरेशियन प्लेट से टकराई।
- इस टक्कर से बीच में फँसा टेथिस सागर (Tethys Sea) सिकुड़ गया और तलछटी चट्टानें दबकर ऊपर उठीं।
- इन्हीं से हिमालय पर्वत बने।
- इसलिए हिमालय भंगुर (Fold Mountain) का उदाहरण है।
2. भौगोलिक स्थिति व विस्तार
- लंबाई: लगभग 2400 किमी (पश्चिम – नंगा परबत, पूर्व – नामचा बारवा तक)
- चौड़ाई:
- कश्मीर क्षेत्र में ~400 किमी
- अरुणाचल क्षेत्र में ~150 किमी
- सीमाएँ:
- उत्तर में तिब्बत का पठार
- दक्षिण में गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान
- देशों में विस्तार: भारत, नेपाल, भूटान, चीन (तिब्बत), पाकिस्तान
3. हिमालय की तीन मुख्य श्रेणियाँ
(A) महान हिमालय / हिमाद्रि (Great Himalaya / Himadri)
- सबसे उत्तरी, सबसे ऊँची और सबसे पुरानी श्रेणी।
- औसत ऊँचाई: 6000 मीटर से अधिक।
- चट्टानें: कठोर ग्रेनाइट और ग्नाइस।
- प्रमुख चोटियाँ:
- माउंट एवरेस्ट (8848.86m)
- कंचनजंघा (8598m)
- नंगा परबत (8126m)
- नंदा देवी (7816m)
- धौलागिरि, अन्नपूर्णा (नेपाल)
- यहाँ स्थायी हिमनद (Glaciers) हैं:
- सियाचिन (कराकोरम, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिमनद)
- गंगोत्री, यमुनोत्री, पिंडारी, मिलम
(B) मध्य हिमालय / हिमाचल (Lesser Himalaya / Himachal)
- महान हिमालय और शिवालिक के बीच।
- ऊँचाई: 3500–4500 मीटर।
- प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएँ:
- धौलाधार (हिमाचल)
- पीर पंजाल (कश्मीर)
- महाभारत श्रृंखला (नेपाल)
- घाटियाँ (Valleys):
- कश्मीर घाटी
- कांगड़ा घाटी
- काठमांडू घाटी
- यहाँ देवदार, चीड़, ओक जैसे वन मिलते हैं।
(C) शिवालिक पर्वत / बाहरी हिमालय (Shiwalik / Outer Himalaya)
- सबसे दक्षिणी और सबसे युवा श्रेणी।
- ऊँचाई: 900–1200 मीटर।
- चट्टानें: कच्ची व असंलग्न (Unconsolidated) अवसादी चट्टानें।
- यहाँ दून घाटियाँ पाई जाती हैं:
- देहरादून
- कोटलादून
- पटलीदून
- यहाँ की मिट्टी उपजाऊ है, खेती योग्य क्षेत्र।
4. हिमालय का क्षेत्रीय विभाजन (Regional Divisions of Himalayas)
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पंजाब हिमालय
- सिंधु और सतलज नदी के बीच।
- कहलाता है – कश्मीर हिमालय और हिमाचल हिमालय।
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कुमाऊँ हिमालय
- सतलज और काली नदी के बीच।
- उत्तराखंड क्षेत्र।
-
नेपाल हिमालय
- काली और तीस्ता नदी के बीच।
- सबसे ऊँची चोटियाँ यहीं (एवरेस्ट, कंचनजंघा)।
-
असाम हिमालय
- तीस्ता और दिहांग नदी के बीच।
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पूर्वोत्तर पर्वत / पुरवांचल
- दिहांग दर्रे के बाद, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में।
- प्रमुख पहाड़ियाँ: नागा, मिजो, खासी, गारो, जयंतीया।
- म्यांमार तक जाकर अराकान योमा में मिलती हैं।
5. हिमालय की प्रमुख दर्रे (Mountain Passes)
- काराकोरम दर्रा – लद्दाख, भारत-चीन व्यापार मार्ग।
- शिपकी ला – हिमाचल प्रदेश, भारत-तिब्बत।
- नथुला, जीलप ला – सिक्किम, भारत-चीन।
- जोज़िला – जम्मू-कश्मीर, श्रीनगर–लेह मार्ग।
- बोमडी ला – अरुणाचल प्रदेश।
6. हिमालय का महत्व (Importance of Himalayas)
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जलवायु पर प्रभाव
- ठंडी साइबेरियाई हवाओं को भारत में प्रवेश नहीं करने देता।
- मानसून की हवाओं को रोककर भरपूर वर्षा करवाता।
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जल स्रोत
- गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु जैसी नदियाँ।
- जल विद्युत उत्पादन का आधार।
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वनस्पति व जीव-जंतु
- ऊँचाई के अनुसार वनस्पति: उष्णकटिबंधीय से लेकर अल्पाइन।
- दुर्लभ जीव: हिम तेंदुआ, याक, कस्तूरी मृग।
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आर्थिक महत्व
- पर्यटन (मनाली, शिमला, मसूरी, दार्जिलिंग)।
- बागवानी (सेब, आलू, अखरोट)।
- औषधीय पौधे।
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सामरिक महत्व
- उत्तरी सीमा की प्राकृतिक रक्षा।
7. हिमालय की विशेषताएँ (Key Features)
- युवा, ऊँचे व भंगुर पर्वत।
- निरंतर भूकंप और भूस्खलन।
- भू-आकृतिक विविधता (घाटियाँ, दर्रे, चोटियाँ, हिमनद)।
- जैव विविधता का हॉटस्पॉट।
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