पोषक तत्व (Nutrients) Topic For ssc rrb Exam पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM पोषक तत्व क्या हैं? पोषक तत्व वे रासायनिक पदार्थ हैं जो भोजन में पाए जाते हैं और शरीर की वृद्धि, विकास, ऊर्जा उत्पादन और रखरखाव के लिए आवश्यक होते हैं। ये शरीर के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोषक तत्वों का वर्गीकरण पोषक तत्वों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: 1. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) - वृहत पोषक तत्व ये बड़ी मात्रा में आवश्यक होते हैं: (A) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) परिभाषा: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक यौगिक जो शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। रासायनिक सूत्र: (CH₂O)n या Cx(H₂O)y प्रकार: सरल शर्करा (Simple Sugars): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज जटिल कार्बोहाइड्रेट: स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन मुख्य स्रोत: चावल, गेहूं, आलू, मक्का, फल, शहद कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी) ...
प्रधानमंत्री एवं मंत्री परिषद (Prime Minister & Council of Ministers)
🔹 संवैधानिक आधार
- अनुच्छेद 74(1): राष्ट्रपति को उसके कर्तव्यों के पालन में सहायता और परामर्श देने के लिए एक मंत्री परिषद होगी, जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होगा।
- अनुच्छेद 74(2): राष्ट्रपति को दी गई मंत्री परिषद की सलाह को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
- अनुच्छेद 75: मंत्रियों की नियुक्ति, कार्यकाल, वेतन, शपथ और उत्तरदायित्व का प्रावधान।
- अनुच्छेद 77: केंद्र सरकार के कार्यों का निष्पादन और राष्ट्रपति के नाम से कार्य।
- अनुच्छेद 78: प्रधानमंत्री के कर्तव्य – राष्ट्रपति को जानकारी देना, निर्णयों से अवगत कराना।
- अनुच्छेद 88: मंत्रियों को संसद की कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार (मतदान का अधिकार नहीं यदि सदस्य नहीं हैं)।
🔹 प्रधानमंत्री (Prime Minister)
नियुक्ति
- राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त।
- सामान्यतः लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल/गठबंधन का नेता प्रधानमंत्री बनाया जाता है।
- अगर स्पष्ट बहुमत न हो → राष्ट्रपति सबसे बड़े दल/गठबंधन को आमंत्रित करता है।
योग्यता
- संविधान में अलग से उल्लेख नहीं।
- वही योग्यताएँ जो संसद सदस्य के लिए (अनुच्छेद 84)।
कार्यकाल
- निश्चित कार्यकाल नहीं।
- जब तक लोकसभा का विश्वास प्राप्त है।
वेतन
- संसद द्वारा समय-समय पर निर्धारित (वर्तमान में Cabinet Minister के समान)।
प्रधानमंत्री के प्रमुख कार्य और शक्तियाँ
- मंत्रिपरिषद का प्रमुख – कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता करता है।
- पोर्टफोलियो आवंटन – मंत्रियों को विभाग बाँटता है।
- मंत्रियों की नियुक्ति में भूमिका – राष्ट्रपति को सुझाव देता है।
- मंत्रियों का त्यागपत्र – किसी भी मंत्री से इस्तीफ़ा मांग सकता है।
- लोकसभा में नेता – सरकार की नीतियों का प्रतिनिधित्व करता है।
- राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच सेतु।
- राष्ट्रीय नीति निर्धारण – सभी महत्वपूर्ण नीतियाँ व निर्णय प्रधानमंत्री की अगुवाई में।
- विदेश नीति व अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भारत का प्रतिनिधित्व।
- लोकसभा भंग कराने का अधिकार – राष्ट्रपति से सिफारिश करता है।
- आपातकाल में भूमिका – आपातकालीन शक्तियाँ मुख्यतः प्रधानमंत्री और कैबिनेट की सलाह पर लागू।
🔹 मंत्री परिषद (Council of Ministers)
संरचना
-
कैबिनेट मंत्री (Cabinet Ministers):
- प्रमुख मंत्रालय संभालते हैं (Defence, Home, Finance, External Affairs आदि)।
- नीति निर्धारण में भाग लेते हैं।
-
राज्य मंत्री (Ministers of State – MoS):
- कुछ स्वतंत्र प्रभार (Independent charge)
- या किसी कैबिनेट मंत्री के अधीन कार्य।
-
उप-मंत्री (Deputy Ministers):
- कैबिनेट मंत्री/राज्य मंत्री की सहायता।
- अब व्यावहारिक रूप से पद समाप्त।
उत्तरदायित्व (Responsibility)
-
सामूहिक उत्तरदायित्व (Collective Responsibility):
- अनुच्छेद 75(3) → मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है।
- अविश्वास प्रस्ताव पारित → पूरी मंत्रिपरिषद इस्तीफ़ा देगी।
-
व्यक्तिगत उत्तरदायित्व (Individual Responsibility):
- प्रत्येक मंत्री अपने विभागीय कार्यों के लिए उत्तरदायी है।
- प्रधानमंत्री किसी मंत्री से इस्तीफ़ा मांग सकता है।
🔹 कैबिनेट (Cabinet) बनाम मंत्री परिषद
| बिंदु | मंत्री परिषद (Council of Ministers) | कैबिनेट (Cabinet) |
|---|---|---|
| संरचना | सभी स्तर के मंत्री (Cabinet, MoS, Deputy) | केवल वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री |
| आकार | बड़ा (60–70+ सदस्य) | छोटा (20–30 सदस्य) |
| कार्य | राष्ट्रपति को सलाह देना | नीति निर्माण, प्रशासनिक निर्णय लेना |
| महत्त्व | औपचारिक | वास्तविक शक्ति का केंद्र |
🔹 राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद संबंध
- 42वाँ संशोधन (1976): राष्ट्रपति मंत्री परिषद की सलाह मानने के लिए बाध्य।
- 44वाँ संशोधन (1978): राष्ट्रपति यदि चाहे तो मंत्रिपरिषद से सलाह पुनर्विचार के लिए कह सकता है, लेकिन दूसरा सुझाव मानना ही होगा।
🔹 महत्वपूर्ण तथ्य (Exam-Oriented)
- प्रथम प्रधानमंत्री → जवाहरलाल नेहरू।
- सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री → नेहरू (17 वर्ष 286 दिन)।
- सबसे कम अवधि के प्रधानमंत्री → अटल बिहारी वाजपेयी (13 दिन, 1996)।
- अनुच्छेद 74–78 → मंत्रिपरिषद व प्रधानमंत्री से संबंधित।
- अनुच्छेद 88 → मंत्री संसद में भाग ले सकते हैं।
- मंत्रिपरिषद का कार्यकाल → लोकसभा के विश्वास पर निर्भर।
- प्रधानमंत्री लोकसभा या राज्यसभा – किसी का भी सदस्य हो सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति 6 महीने तक संसद का सदस्य नहीं बन पाता → पद छोड़ना होगा।
- मंत्री परिषद का वास्तविक दायित्व → लोकसभा के प्रति (राज्यसभा नहीं)।
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