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पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM

पोषक तत्व (Nutrients) Topic For ssc rrb Exam पोषक तत्व (Nutrients) की संपूर्ण जानकारी हिंदी में - विटामिन, खनिज, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के कार्य, स्रोत और कमी से रोग। FOR SSC RRB EXAM पोषक तत्व क्या हैं? पोषक तत्व वे रासायनिक पदार्थ हैं जो भोजन में पाए जाते हैं और शरीर की वृद्धि, विकास, ऊर्जा उत्पादन और रखरखाव के लिए आवश्यक होते हैं। ये शरीर के सामान्य कार्यों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोषक तत्वों का वर्गीकरण पोषक तत्वों को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा गया है: 1. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (Macronutrients) - वृहत पोषक तत्व ये बड़ी मात्रा में आवश्यक होते हैं: (A) कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) परिभाषा: कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से बने कार्बनिक यौगिक जो शरीर के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत हैं। रासायनिक सूत्र: (CH₂O)n या Cx(H₂O)y प्रकार: सरल शर्करा (Simple Sugars): ग्लूकोज, फ्रक्टोज, सुक्रोज जटिल कार्बोहाइड्रेट: स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन मुख्य स्रोत: चावल, गेहूं, आलू, मक्का, फल, शहद कार्य: शरीर को ऊर्जा प्रदान करना (1 ग्राम = 4 किलोकैलोरी) ...

plant tissue - पादप ऊतक, विशेषताएं, प्रकार SSC, RRB विशेष

🌿 पादप ऊतक (Plant Tissue)

​I. विभज्योतक ऊतक (Meristematic Tissue)

  • विशेषताएँ (Characteristics):
    • ​कोशिकाएँ निरंतर विभाजन (Cell Division) करती हैं।
    • ​इनकी कोशिकाएँ सक्रिय (Active) होती हैं।
    • ​इनमें सघन कोशिकाद्रव्य (Dense Cytoplasm) होता है।
    • ​इनमें पतली कोशिका भित्ति (Thin Cell Wall) होती है।
    • ​इनमें रसधानी (Vacuoles) अनुपस्थित या बहुत छोटी होती हैं।
    • ​कोशिकाओं के बीच अंतरकोशिकीय स्थान (Intercellular space) अनुपस्थित होता है।
  • प्रकार (Types):
    • शीर्षस्थ विभज्योतक (Apical Meristem):
      • स्थान: मुख्य रूप से जड़ (Root) तथा तने (Stem) के शीर्ष (Apex) पर होता है।
      • कार्य: पौधे की लंबाई में वृद्धि (Increase in length) करना।
    • पार्श्व विभज्योतक (Lateral Meristem) / कैम्बियम (Cambium):
      • स्थान: तने एवं जड़ की परिधि (Girth) में वृद्धि।
      • कार्य: तने तथा जड़ की मोटाई में वृद्धि (Increase in width) करना (द्वितीयक वृद्धि)।
    • अंतर्वेशी विभज्योतक (Intercalary Meristem):
      • स्थान: पर्वसंधियों (Internodes) के पास या पत्तियों के आधार पर।
      • कार्य: पत्तियों की वृद्धि तथा तने की लंबाई में वृद्धि, जो पहले ही बढ़ चुके हैं।

​🌳 स्थायी ऊतक (Permanent Tissue)

  • परिभाषा (Definition):
    • ​विभज्योतक ऊतक की कोशिकाएँ द्वारा विभेदीकरण (Differentiation) की प्रक्रिया करके एक विशिष्ट कार्य ग्रहण कर लेती हैं।
    • ​इनमें विभाजन की शक्ति समाप्त हो जाती है।
    • ​ये अविभाजित होते हैं।
    • ​इनकी कोशिका भित्ति मोटी/पतली हो सकती है।

​A. सरल स्थायी ऊतक (Simple Permanent Tissue)

  • कार्य: पौधों को यांत्रिक सहारा, सुरक्षा और भोजन संग्रह प्रदान करना।
  • प्रकार (Types):
    • पैरेन्काइमा (Parenchyma):
      • ​सबसे आम सरल स्थायी ऊतक।
      • ​कोशिकाएँ जीवित, पतली भित्ति वाली होती हैं।
      • ​कोशिकाएँ ढीली व्यवस्थित होती हैं, इसलिए अंतरकोशिकीय स्थान अधिक होता है।
      • कार्य: भोजन का संग्रह, सहारा प्रदान करना।
      • क्लोरेन्काइमा (Chlorenchyma): जिस पैरेन्काइमा में क्लोरोफिल होता है, वह प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) करता है।
      • एरेन्काइमा (Aerenchyma): जलीय पौधों में बड़ी वायु गुहिकाएँ (Air cavities) होती हैं, जिससे वे तैर सकते हैं (उत्प्लावन)।
    • कोलेन्काइमा (Collenchyma):
      • ​कोशिकाएँ जीवित, भित्ति अनियमित रूप से मोटी होती है।
      • ​अंतरकोशिकीय स्थान कम होता है।
      • कार्य: पौधों को लचीलापन (Flexibility) प्रदान करना और बिना टूटे झुकने में मदद करना।
    • स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma):
      • ​कोशिकाएँ मृत होती हैं और भित्ति लिग्निन (Lignin) के कारण मोटी होती है।
      • ​इनमें अंतरकोशिकीय स्थान नहीं होता है।
      • कार्य: पौधों को कठोरता (Hardness) और यांत्रिक शक्ति/सहारा प्रदान करना।
      • उपस्थिति: पत्तों की शिराओं में, बीजों/नटों के कठोर खोल (Hard shell of nuts) में।
  • उत्सर्जक ऊतक (Protective Tissue):
    • एपिडर्मिस (Epidermis):
      • ​पौधे के सभी भागों को ढकने वाली सबसे बाहरी परत।
      • ​कोशिकाएँ चपटी होती हैं और बिना अंतरकोशिकीय स्थान के एक सतत परत बनाती हैं।
      • क्यूटिकल (Cuticle): शुष्क आवास वाले पौधों में जल हानि रोकने के लिए एपिडर्मिस पर मोमी (Waxy) परत होती है।
      • स्टोमेटा (Stomata): एपिडर्मिस में छोटे छिद्र, जो वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) और गैसों के आदान-प्रदान (Gas Exchange) के लिए आवश्यक हैं।
    • कर्क (Cork) / छाल (Bark):
      • ​पौधों की पुरानी जड़ों तथा तनों की बाहरी परत।
      • ​जैसे-जैसे पौधे बड़े होते हैं, एपिडर्मिस कॉर्क में बदल जाती है।
      • ​कॉर्क कोशिकाएँ मृत होती हैं और इनमें सुबेरिन (Suberin) नामक रसायन होता है, जो इन्हें हवा और पानी के लिए अप्रवेश्य (Impervious) बनाता है।

​B. जटिल स्थायी ऊतक (Complex Permanent Tissue)

  • परिभाषा: एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं, जो एक साथ एक सामान्य कार्य करते हैं।
  • कार्य: जल, खनिज लवण और भोजन का परिवहन (Conduction/Transport) करना।
  • प्रकार (Types):
    • जाइलम (Xylem):
      • कार्य: जल और खनिज लवण का ऊर्ध्वमुखी (Upward) परिवहन करना।
      • अवयव (Components):
        • वाहिनिकाएँ (Tracheids): मृत कोशिकाएँ, संकरी।
        • वाहिकाएँ (Vessels): मृत कोशिकाएँ, चौड़ी, नलिकाकार।
        • जाइलम पैरेन्काइमा (Xylem Parenchyma): जीवित, भोजन संग्रह करता है।
        • जाइलम तंतु (Xylem Fibers/Sclerenchyma): मृत, सहारा प्रदान करता है।
    • फ्लोएम (Phloem):
      • कार्य: पत्तियों से भोजन (Food) को पौधे के अन्य भागों तक द्वि-दिशात्मक (Bidirectional) परिवहन करना।
      • अवयव (Components):
        • चालनी नलिकाएँ (Sieve Tubes): छिद्रित भित्ति वाली जीवित नलिकाकार कोशिकाएँ, केन्द्रक रहित
        • सहचर कोशिकाएँ (Companion Cells): जीवित, चालनी नलिका की मदद करती हैं।
        • फ्लोएम पैरेन्काइमा (Phloem Parenchyma): जीवित, भोजन संग्रह करता है।
        • फ्लोएम तंतु (Phloem Fibers/Sclerenchyma): मृत, सहारा प्रदान करता है।


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