Northern Plain and Islands – उत्तरी मैदान और द्वीप
भारत का भौगोलिक स्वरूप बहुत विविध और विशिष्ट है।
उत्तर में हिमालय की ऊँची श्रृंखलाएँ, मध्य में पठार, दक्षिण में समुद्र और चारों ओर द्वीप — ये सब मिलकर भारत को एक संपूर्ण भौगोलिक इकाई बनाते हैं।
भारत के दो महत्वपूर्ण भौगोलिक भागों के बारे में —
(1) उत्तरी मैदान (Northern Plain) और
(2) द्वीप समूह (Islands of India)
🏞️ 1. उत्तरी मैदान (Northern Plain of India)
📖 परिचय
उत्तरी मैदान भारत का सबसे उपजाऊ, घनी आबादी वाला और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
यह मैदान हिमालय की निचली तलहटी में फैला हुआ है और इसे मुख्य रूप से गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों ने अपने अवसाद (Alluvium) से बनाया है।
🗺️ भौगोलिक विस्तार (Geographical Extent)
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उत्तरी मैदान पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में असम तक फैला है।
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इसकी लंबाई लगभग 2,400 किलोमीटर और चौड़ाई 240 से 320 किलोमीटर तक है।
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यह मैदान तीन नदियों के जलोढ़ निक्षेप से बना है –
सिंधु, गंगा, और ब्रह्मपुत्र। -
उत्तर में हिमालय पर्वत और दक्षिण में दक्कन का पठार इसकी सीमाएँ बनाते हैं।
🧱 निर्माण प्रक्रिया (Formation Process)
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लगभग दो करोड़ वर्ष पहले, जब हिमालय का उत्थान हुआ, तब उससे निकली नदियाँ अपने साथ पत्थर, मिट्टी और गाद लाकर नीचे के भागों में जमा करती रहीं।
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धीरे-धीरे इन अवसादों से यह विशाल मैदान बन गया।
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इसलिए इसे जलोढ़ मैदान (Alluvial Plain) कहा जाता है।
🌾 मिट्टी (Soil)
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यहाँ की मिट्टी जलोढ़ (Alluvial Soil) है, जो बहुत उपजाऊ होती है।
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यह मिट्टी हर साल बाढ़ से ताज़ा हो जाती है।
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मुख्य फसलें:
गेहूँ, चावल, गन्ना, जूट, मक्का, दालें, सरसों और सब्ज़ियाँ।
🌊 मुख्य नदी प्रणालियाँ (Main River Systems)
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सिंधु नदी प्रणाली (Indus System)
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नदियाँ: सिंधु, सतलज, ब्यास, रावी, चिनाब, झेलम
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क्षेत्र: पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर
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विशेषता: यहाँ सिंचाई के लिए नहर प्रणाली बहुत विकसित है।
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गंगा नदी प्रणाली (Ganga System)
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नदियाँ: गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, कोसी
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क्षेत्र: उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल
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यह भारत का सबसे उपजाऊ क्षेत्र है।
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ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली (Brahmaputra System)
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क्षेत्र: असम और पूर्वोत्तर भारत
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यह क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित रहता है लेकिन मिट्टी बहुत उपजाऊ है।
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🧭 उत्तरी मैदान के प्रमुख भाग (Divisions of the Northern Plain)
उत्तरी मैदान को स्थलाकृति के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है:
| भाग | विवरण |
|---|---|
| 1. भाबर क्षेत्र (Bhabar) | हिमालय की तलहटी में संकरे क्षेत्र में मोटे कंकड़-पत्थर जमा हैं। यहाँ नदियाँ भूमिगत हो जाती हैं। |
| 2. तराई क्षेत्र (Terai) | भाबर के दक्षिण में स्थित दलदली क्षेत्र। यहाँ घने वन और वन्य जीव पाए जाते हैं। |
| 3. जलोढ़ मैदान (Alluvial Plain) | यह दो प्रकार का है – खादर (नया अवसाद) और भांगर (पुराना अवसाद)। खादर क्षेत्र सबसे उपजाऊ है। |
🌆 जनसंख्या, कृषि और उद्योग
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उत्तरी मैदान भारत का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला क्षेत्र है।
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दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, पटना, वाराणसी, कोलकाता, चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहर यहीं स्थित हैं।
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यहाँ से भारत की लगभग 40% कृषि उपज प्राप्त होती है।
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चीनी, वस्त्र, कागज़, और जूट उद्योग यहाँ विकसित हैं।
🌦️ जलवायु (Climate)
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जलवायु मुख्यतः उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Tropical Monsoon) है।
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गर्मियों में तापमान 40°C तक पहुँचता है, जबकि सर्दियों में 5°C तक गिर जाता है।
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मानसून में पर्याप्त वर्षा होती है जो खेती के लिए लाभकारी है।
🏝️ 2. भारत के द्वीप समूह (Islands of India)
भारत के पास दो प्रमुख द्वीप समूह हैं —
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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Bay of Bengal में)
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लक्षद्वीप द्वीप समूह (Arabian Sea में)
🟢 (A) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| स्थिति | बंगाल की खाड़ी में, दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थित। |
| संख्या | कुल लगभग 572 द्वीप। |
| विभाजन | अंडमान (उत्तर में) और निकोबार (दक्षिण में) |
| अंतर | दोनों के बीच 10° चैनल है। |
| राजधानी | पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) |
| सर्वोच्च बिंदु | सैडल पीक (737 मी.) |
| विशेषता | ज्वालामुखीय मूल के द्वीप, घने उष्णकटिबंधीय वन और आदिवासी जनजातियाँ। |
| रणनीतिक महत्व | भारत की नौसेना और रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र। |
👉 यहाँ भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी “बैरन द्वीप (Barren Island)” स्थित है।
🔵 (B) लक्षद्वीप द्वीप समूह
👉 लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है।
🌐 3. उत्तरी मैदान और द्वीपों का महत्व (Importance)
| क्षेत्र | महत्व |
|---|---|
| उत्तरी मैदान | कृषि, घनी आबादी, उद्योग और परिवहन का मुख्य क्षेत्र। |
| द्वीप समूह | भारत की समुद्री सीमा, पर्यटन, मत्स्य संसाधन और रक्षा रणनीति के लिए महत्वपूर्ण। |
📚 4. परीक्षा उपयोगी तथ्य (For SSC, RRB & State Exams)
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उत्तरी मैदान की मिट्टी – जलोढ़ मिट्टी
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गंगा का मैदान – सबसे उपजाऊ भाग
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10° चैनल – अंडमान और निकोबार के बीच
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8° चैनल – मिनीकॉय और मालदीव के बीच
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भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी – बैरन द्वीप
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सैडल पीक – अंडमान का सबसे ऊँचा बिंदु
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लक्षद्वीप – प्रवाल मूल के द्वीप
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कवरेटी – लक्षद्वीप की राजधानी
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पोर्ट ब्लेयर – अंडमान निकोबार की राजधानी
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भाबर और तराई – हिमालय की तलहटी में स्थित
✍️ निष्कर्ष (Conclusion)
भारत के उत्तरी मैदान और द्वीप समूह न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि ये देश की आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा की रीढ़ भी हैं।
जहाँ उत्तरी मैदान भारत को अन्न प्रदान करते हैं, वहीं द्वीप समूह भारत की सीमाओं की रक्षा करते हैं और समुद्री संपदा से समृद्ध हैं।
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tags- Northern Plain and Islands of India, Geography Notes for SSC & RRB
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